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Saturday, May 8, 2010

माँ


माँ..

एक ऐसा शब्द जिसमे बहुत कुछ समाया है -प्यार , त्याग , अपनापन, समर्पण और मिठास
माँ कहने वाले और सुनने वाले दोनों के मन मे एक मीठा अहसास भर देता है.
आज उस माँ को नमन जिसने हमें जन्म दिया और प्यार से पाल के बड़ा किया

उस माँ के नाम मेरी एक प्यार भरी भेंट

माँ
जब तू
पास नहीं
मेरे होती
हर और
अँधेरा लगता,
दिल हर
आवाज़ पे
धडकता

माँ
जब तू
होती है
मेरे पास
तब है
चैन की
हर एक
सांस

माँ
मैं हूँ
बालक नादान
पर करूँ
मे दिल से
तेरा सम्मान

माँ
तू जननी
तू ही
आशा
जो करे है
दूर निराशा

माँ
मेरी तो
हर शय
है तू
तू जिस्म
तू ही लहू

माँ
तेरा वंदन
करती हू
अभिनन्दन
करती हूँ
तू पूज्य है
सदा सदा से।

माँ
कहती हूँ
यही खुदा से
जब भी जीवन
मुझे देना,
मुझे मेरी
माँ ही देना.

माँ
तू ममता
की है छाया
मेरा सौभाग्य
है यह माँ
जो मैंने
तुझको पाया
हां माँ
जो मैंने
तुझको पाया