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Monday, January 23, 2012

aaj ka din..neta ji ka janamdin

००.०७ ऍम.....२४/१/१२

आज का दिन ..अरे २४ जनवरी  कि नहीं  में २३   जनवरी कि बात कर रही हूँ.अर्थात नेता जी सुभाषचन्द्र बोसे का जन्मदिन . सुबह उठी और  सोचा हम सबको शुभकामनाए देते है और जिनका जन्मदिन याद करना चाहिए उनको भूल जाते है .तो बस फसबूक पर शुभकामनाये और फोटो पोस्ट किया. फिर आज एक समारोह में शिरकत करनी थी ..पर कुछ तबियत नासाज़ थी और कुछ काम थे कई और जगह भी दूर थी, तो सोचा में  नहीं जाउंगी उस समारोह में .मगर फिर जिनके यहाँ उस समारोह का आयोजन था उनका कॉल आया .कि इतनी बिजी मत बन सखी आ जा... कुछ देर के लिए ही सही....हम सब इंतज़ार कर रहे है ..ये... वो...फिर मैंने बनाया प्लान..कि सिस्टर काम देखेंगी और में इस काम को करुँगी .

सुबह ११ बजे घर से निकली और रात को ७.४५ पर घर आई और बस दौड़ती रही सारा दिन . दिन अच्छा था..सुकून था ...पर सबसे अहम था वो रास्ता देखा जिसपे शायद पहले कभी गयी थी तब वो इतना अच्छा न था. आज उसपे जाना सुखद अहसास था .
मन हुआ बस चलती रहू इस रास्ते पर.लेकिन पहले समारोह में पहुँचने कि जल्दी थी फिर इंस्टिट्यूट पहुँचने कि जल्दी. क्योकि २६ जनवरी के प्रोग्राम्स भी तेयार कराये जा रहे है वो तेरे देखनी थी.
आज जाना कि दौड़ भाग में भी कभी सुकून मिलता है वो कैसे मिलता है .
कुछ पाल आये जब लगा अरे आराम करना था मुझे आज, लेकिन  फिर लगा चलो ठीक है इसी बहाने ये रास्ता देख लिया .
कूल मिला कर एक अच्छा दिन रहा आज का दिन..जो कुछ यादें कुछ बातें..कुछ जिंदगी कि फलसफे बता गया , हमें जीना सिखा गया.बंद लिफाफे में रखे खत सा दिन सारा जब गुजर गया ...दिल में बनके कुछ अहसास दिन ये पूरा उतर गया.



Sunday, January 22, 2012

दिल ढूंढता है

आज रविवार २२/१/२०१२ है समय १.२० दिन के .
आज  लगा कि जैसे कुछ सुकून के पल शायद आज मिल ही जांयेंगे . वरना कहा होता है अक्सर ऐसा जब दो पाल मिलते हो ऐसे जिनमें बस रहत कि सांसे हो.
आज कल जिंदगी में इतनी दौड हो गयी है हर पाल कोई काम इस दिमाग में दौड़ता है . कभी ये रह गया पूरा नहीं हुआ कभी अरे ये काम अभी करना शुरू करना है .
और सबकी शिकायते तुम कभी खाली नहीं रहती हमेशा कोई काम लिए उसी में उलझी रहती हो .
पर में भी क्या करूँ ? जब कोई काम नहीं होता था तब सोचती थी क्या करूँ और अब सोचती हू कैसे कुछ पल सुकून भरे दिन में चुनु .
सच है समय कभी एक सा नहीं रहता कभी हम इसके आगे कभी ये हमारे आगे .
पर अच्छा है व्यस्त रहने में भी के अलग ही मज़ा है .
कल का दिन भी  ही कुछ  अलग सी यादें देकर गया था..कई दिनों  कि लगातार चल रही  वेचैनी को कल रहत कि सांस जो मिली थी. शायद उसी कल का नतीजा ये निकला कि आज का सूरत सुकून भरी धुप खिलाता नज़र आ रहा था .मन खुश है ..क्यों अब कुछ बातें खुद भी सही सही नहीं कही जा सकती है कई बार है न???
खैर सबसे अच्छी बात बताऊ क्या है ??? मन में इस वक्त कोई हलचल नहीं है..बस ये है कि जो करना है आराम से करना है आज के दिन....क्योकि दिल ने ढूँढ  ही लिए है आज कुछ सुकून भरे फुर्सत के पल.