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Sunday, December 30, 2012

दामिनी , हम और समाज


ये हमारा समाज है और यहाँ के लोग है जो हमारे देश के कानून से नहीं डरते ..कुछ लोग जो अब भी इस बात को दरकिनार किये है कि एक लड़की अपनी जां गवा चुकी है फिर भी कुछ लोग अपनी गन्दी नियत को सही नहीं कर रहे है वो अपने नापाक इरादों के साथ खुले आम घूमते है और सडको पर खुले आम अपने गंदे आचरण से लोगो को या कहू लड़कियों को यातना देते है . आज हर बेटी कि माँ डरी सहमी रहती है कि न जाने कब उसकी बेटी के साथ कुछ अनहोनी हों जाये ..कहीं ऐसा न हों उसकी बेटी घर से जाये ततो पर घर बापिस् न आये...
ऐसे कई विचार माओं के मन में तब आते है जब उसकी बेटी घर से बहार निकलती है . क्यों हम आज इतने लचर है बेबश है कि अपनी बहन बेटी कि सुरक्षा के लिए अपने ही देश में हम बेबस नज़र आ रहे है . एस अक्य हों जिससे ये समाज लड़कियों को भी निर्भय होके जीना सीखने देगा.
९.०५ पम ३०/१२/१२ए ऍम
बुरी नियत वाले लोगो कि हिमाकत तो देखो इतना सब कुछ लोग कर रहे है फिर भी डीटीसी  बस में एक नाबालिग लड़की को छेड़ा बस के कंडक्टर ने और ड्राईवर ने ..उसी के बाद एक और घटना बाराबंकी में ऐसी ही घट गई . यहाँ भी लड़की को मार डाला. एक दामिनी को न्याय मिला नहीं दूसरी भी न्याय पाने के लिए क़तार  में शामिल हों गई...कब तक ऐसा ही होता रहेगा भला..कब ये सोया समाज जागेगा .