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Sunday, November 30, 2014

दिसम्बर2014 की दस्तक

दिसम्बर यानी साल का अंतिम माह समय की धार के साथ बहता इधर आ निकला ..तो इस साल २०१४ का अन्तिम माह भी दस्तक दे चुका है...सुबह का सूरज सुनहरी किरणों के साथ अपने रंग इस धरा पर बिखेर सब कुछ सुनहला कर देगा .
एक एक कर सारे महीने समय के द्वार से निकल गए और बस गए अतीत के सागर या खँडहर में जाकर छिप गए . समय की गर्त के बाहर कभी कभी निकलने का प्रयास होगा भी इनका तो कुछ पल को ही होगा ऐसा  . ये इतिहास के पन्ने भर चले माह , खट्टे मीठे रहे. सभी के साथ यही कहानी होगी ..कहीं अश्कों की बारिश कही मुस्कान सुहानी होगी . साल का ये अंतिम माह भी सबका अच्छा गुजरे ये दुआ है भगवान् से ..और नया साल सभी के लिए खुशिया लाये ये दिल की तमन्ना है . आमीन