प्रिय दोस्तों
आज महिला दिवस और होली दो- दो अवसर एक साथ आये है. आप सभी को होली कि हार्दिक शुभकामनाएँ . और सभी महिलाओ को महिला दिवस कि हार्दिक शुभकामनये .
होली क्यों मनाई जाती है ..कहा कि होली प्रसिद्ध है ये हम सब जानते ही है .
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ये में पहले ही यहाँ अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट में आप सभी को बता चुकी हूँ .
हां आज हम कुछ बात कर सकते है होली और महिलाओ की. अब इस बात से सबसे पहला जो नाम आता है एक महिला का वो हम सब जानते है ...अपने कन्हाई कि प्यारी राधा राणी . राधा और कृष्ण की बरसाने या ब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है. फिर राधा का नाम आये और सखियाँ न आये ध्यान ऐसा भी नहीं हो सकता .नन्द का छोरा अगर अपने साथ सब ग्वाल बाल को लेकर बरसाने जाता ..राधा के संग होली खेलने, तो सखियाँ भी होली के रंग में रंग कर कान्हा के और ग्वाल बाल के साथ खूब होली खेलती चुहल बाजी करती.
और बस होली के साथ साथ रास भी होता राधा कृष्ण का. बरसाने कि लठमार होली के विषय में भी सबने सुना ही होगा. उसका अपना ही मज़ा है . ये तो हुई राधा कृष्ण कि होली. अब आज कल कि होली में होली कम छेड़ छाड ज्यादा है और पहले जहाँ फूलो के रंग से रंग मनाये जाते थे य फूलों कि होली होती थी वोही अब हानिकारक केमिकल्स से बने रंगों से होली खेल कितने ही लोगो कि आंखे खराब हो जातीहै व कितने ही लोगो को त्वचा सम्बन्धी रोग हो जाते है .अक्सर लोग महिलाओ के साथ ऐसा बर्ताव करते है जो उन्हें नहीं करना चाहिए . इसलिए बहुत कम महिलाये होली खेलना आज के समय में पसंद करती है . क्यों कि होली के रंग और होली का हुडदंग दोइनो ही उनको ऐसा करने से रोकते है. तो क्या आज महिला अपनी मर्ज़ी से कोई त्यौहार भी नहीं मन सकती ?? ये प्रश्न सहज ही मन में आता है.
अब रात का काफी समय हो चूका है इसलिए ये प्रश्न और इसका उत्तर इस विषय में आप खुद ही सोचो में चली.
आप सभी को होली कि हार्दिक शुभकामनये
और महिला मित्रों को महिला दिवस कि शुभकामनाएं
time...2.00 am
आज महिला दिवस और होली दो- दो अवसर एक साथ आये है. आप सभी को होली कि हार्दिक शुभकामनाएँ . और सभी महिलाओ को महिला दिवस कि हार्दिक शुभकामनये .
होली क्यों मनाई जाती है ..कहा कि होली प्रसिद्ध है ये हम सब जानते ही है .
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ये में पहले ही यहाँ अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट में आप सभी को बता चुकी हूँ .
हां आज हम कुछ बात कर सकते है होली और महिलाओ की. अब इस बात से सबसे पहला जो नाम आता है एक महिला का वो हम सब जानते है ...अपने कन्हाई कि प्यारी राधा राणी . राधा और कृष्ण की बरसाने या ब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है. फिर राधा का नाम आये और सखियाँ न आये ध्यान ऐसा भी नहीं हो सकता .नन्द का छोरा अगर अपने साथ सब ग्वाल बाल को लेकर बरसाने जाता ..राधा के संग होली खेलने, तो सखियाँ भी होली के रंग में रंग कर कान्हा के और ग्वाल बाल के साथ खूब होली खेलती चुहल बाजी करती.
और बस होली के साथ साथ रास भी होता राधा कृष्ण का. बरसाने कि लठमार होली के विषय में भी सबने सुना ही होगा. उसका अपना ही मज़ा है . ये तो हुई राधा कृष्ण कि होली. अब आज कल कि होली में होली कम छेड़ छाड ज्यादा है और पहले जहाँ फूलो के रंग से रंग मनाये जाते थे य फूलों कि होली होती थी वोही अब हानिकारक केमिकल्स से बने रंगों से होली खेल कितने ही लोगो कि आंखे खराब हो जातीहै व कितने ही लोगो को त्वचा सम्बन्धी रोग हो जाते है .अक्सर लोग महिलाओ के साथ ऐसा बर्ताव करते है जो उन्हें नहीं करना चाहिए . इसलिए बहुत कम महिलाये होली खेलना आज के समय में पसंद करती है . क्यों कि होली के रंग और होली का हुडदंग दोइनो ही उनको ऐसा करने से रोकते है. तो क्या आज महिला अपनी मर्ज़ी से कोई त्यौहार भी नहीं मन सकती ?? ये प्रश्न सहज ही मन में आता है.
अब रात का काफी समय हो चूका है इसलिए ये प्रश्न और इसका उत्तर इस विषय में आप खुद ही सोचो में चली.
आप सभी को होली कि हार्दिक शुभकामनये
और महिला मित्रों को महिला दिवस कि शुभकामनाएं
time...2.00 am
3 comments:
सखी जी
आपको भी होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ सभी को होली का याद रहा पर आपको अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस का भी याद रहा बहुत अच्छे | अच्छा लगा
बहुत अच्छा|
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