कल शाम को अर्थात ४/३/१२ को एक प्रोग्राम :-" tribute to jagjit singh ji by Gulzar, bhupendra ji, mitalli ji and salim arif" में मैंने शिरकत की. देल्ही के सिरिफोर्ड ऑडिटोरियम में ये प्रोग्राम था . एक अनोखा अनुभव था तो लेकिन जो सोचा था वैसा कुछ नहीं मिला. जगजीत सिंह जी के लिए रकहे गए tribute me उनका ही कहीं पता नहीं लगा. कुछ पल 1st half me आये जब गुलज़ार जी ने जगजीत सिंह जी के बारे में बात कि तो अच्छा लगा. किन्तु बाद में दर्शको को अपनी पसंद बार बार कहनी पढ़ी मगर कुछ ही पूरी हो सकी. वहाँ हमें गुलज़ार जी ने कई वाक्यात बताये उनके और जगजीत सिंह जी के बीच कि नोकझोंक के, वोही भूपी जी(भूपेंद्र जी जिनको सभी प्यार से भूपी बोलते है) अपने और जगजीत सिंह जी के जीवन के शुरुआती दिनों के सन्घर्ष के दिनों के विषय में बताया.
कुल मिला कर एक खूबसूरत शाम थी ये .
1 comment:
kash ham bhi ja pate:0
happy holi.....
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