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Friday, February 26, 2010

होली की हार्दिक शुभकामनाये



फाग करे अनुरागये बात तो आप सभी ने सुनी ही होगी ... आज कल फाग का मौसम है और अनुराग मतलब प्यार, ये प्यार का भी मौसम है . तो फाग अर्थात फाल्गुन और अनुराग मतलब प्यार एक दूसरे के पूरक है .
प्यार और फाल्गुन का हमारे हिन्दुस्थान मैं प्राचीन कल से ही सम्बन्ध रहा है. कृष्ण और राधा ..बरसाने की होली को अमर कर गए अपने प्यार भरे होली खेलने के अंदाज़ से.कृष्ण और राधा इस फाग के महीने में रंगों में डूब कर अपने प्रेम मैं सरोबार हो कर हर तरफ प्रेम कि बारिश करते थे ..वही बारिश इस फाल्गुन में आज भी होती है. ये महीना हर तरफ बहुत प्यार भरा और रंग बिरंगा होता है .चाहे होली के रंग हो या प्यार के रंग हो या फिर प्रकृति द्वारा बिखेरे गए मन मोहने वाले फूलो के द्वारा बिखेरे गये रंग हो . बस इस रंगीन प्यार भरे माहौल में कौन सा इंसान नाच नहीं उठेगा .
द्वापर
युग में कृष्ण और राधा ने जो फाल्गुन में प्यार का रंग भरा अब भी सबके ऊपर चढा है और हम सब को ये महीना अवश्य कृष्ण और राधा के सच्चे प्यार का महत्व बताता है.

होली के मौसम में हर दिशा में फूलो के रंग बिखर जाने से प्रकृति कि सुंदरता देखते ही बनती है. इसी भाव को लेकर कुछ कहना चाहूंगी .............

निखरी प्रकृति का देखो हुआ धरा पर राज
मन
ये मेरा बावरा फिर हुआ महक से आज

खिली
खिली सी रंगत के संग महकी क्यारी क्यारी
स्वपन लोक सी छटा यहाँ बिखरी देखी न्यारी

रंग
बिरंगे फूल खिले है छाई है हरियाली
मुंह
से लगा रहे एक रस से भरी प्याली

आनन्दित
तन चहका सा मन झूम रहा है ऐसे
मीठा एक हवा का झोंका चूम रहा है जैसे

इतना
प्यारा दृश्य जो सारा आँखों में बस जाए
मद्धम -2 मन से खुशबू महकी -2 आये


सपना एक सुहाना अपने मन में आज बसाऊ
रंग बिरंगे पंख लगा कर फूलो को छू आऊ

आप सभी पाठकों को मेरी तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाये

10 comments:

Unknown said...

kya baat ha suparb

Unknown said...

you are great person

रश्मि प्रभा... said...

holi ke rang mein koyal aaye tumhare dwaar
kar jaye hanske rangon ka manuhaar
kooke tumhare aangan
gunjit ho faag

viren said...

apka koi sani nahi. apke shabd dil se nikalte hain aur mere shabd apki tarif ke liye chhote pad jaate hain.
holi ki shubh kamnayen - vkj

AJ said...

bahut khuub... bahut acchhe...

liked the poem very much.

sabhi ko holi ki shubhkamnayein

Unknown said...

Nicely composed Sakhi,
Its only due to you, i sometimes get to read few lines which are superbly compiled. Keep it up Sakhi, but with a smile.

विजय तिवारी " किसलय " said...

सखी जी
होली की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ.
और इस पर्व पर आपके गीत ने कमाल कर दिया
बहुत अच्छी पंक्ति है,-
"खिली-खिली-सी रंगत के संग महकी क्यारी-क्यारी
स्वपन लोक सी छटा यहाँ बिखरी देखी न्यारी "
- विजय

पवनेश मिश्रा said...

Happy Holi To al of u

Manoj kr singh said...

सबसे पहले तो आपको मेरी तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाये
प्यार और फाल्गुन का जो सम्बन्ध आपने अपने शब्द्दो में पिरोया है वो बहुत ही शुन्दर है

इतना प्यारा दृश्य जो सारा आँखों में बस जाए
मध्यम -2 मन से खुशबू महकी -2 आये
सपना एक सुहाना अपने मन में आज बसाऊ
रंग बिरंगे पंख लगा कर फूलो को छू आऊ

बहुत खूब
अपने होली के रंग और प्यार के रंग को बहुत ही खुब्सुरती से लिखा है

दिग्गज दवे said...

Bohat umda.......Prem ras aur shringar ras ka sundar mel...sabhi panktiya bohat pyaari hai sakhi.
subah-2 ye padhkar bohat acha laga


खिली खिली सी रंगत के संग महकी क्यारी क्यारी
स्वपन लोक सी छटा यहाँ बिखरी देखी न्यारी

आनन्दित तन चहका सा मन झूम रहा है ऐसे
मीठा एक हवा का झोंका चूम रहा है जैसे

इतना प्यारा दृश्य जो सारा आँखों में बस जाए
मद्धम -2 मन से खुशबू महकी -2 आये

सपना एक सुहाना अपने मन में आज बसाऊ
रंग बिरंगे पंख लगा कर फूलो को छू आऊ