हिंदी नव वर्ष विक्रम संवत 2067
‘चैत्रे मासि जगद ब्रह्मा ससर्ज प्रथमे अहनि, शुक्ल पक्षे समग्रेतु तदा सूर्योदये सति!’ ब्रह्म पुराण के इस श्लोक के अनुसार चैत्र मास के प्रथम दिन प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी ! इसी दिन से विक्रम संवत की शुरुआत होती है.
हिंदी नव वर्ष, विक्रम संवत अथवा हिंदी नया साल ; उत्तरी भारत में यह दिन १६ मार्च २०१० को मनाया जायेगा ।
आज जहाँ बच्चा बच्चा इंग्लिश नव वर्ष को बड़े हर्ष उल्हास से मनाता है , वही अपने नव वर्ष या नव संवत की शुरुआत के बारे में उसको कुछ भी जनकारी नहीं होती है. ये हमारी ही कमी मानी जायेगी जो हमारे यहाँ के बच्चे अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे है और पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण बड़े लगन और प्यार से कर रहे है।
हिंदू केलेंडर के अनुसार हिंदी नव वर्ष या विक्रम संवत की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को होती है. यह शुरुआत मार्च और अप्रैल में मध्य के लगभग होती है. चैत्र मास में अमावस्या के अगले दिन नए विक्रम संवत की शुरुआत होती है !
इस वक्त मौसम भी बहुत सुहाना होता है जैसे वो भी हमारे नव वर्ष का स्वागत करने को आतुर हो गया हो। बड़ा ही मनोरम दृश्य हर ओर देखने को मिलता है,आम के पेड अपनी टहनियों पर आये बौर से हर्षाये से लगते है, बौर की भीनी भीनी सुगंध और बौर से लदे पेड का सौंदर्य वातावरण को एक सुखद रूप प्रदान करता है
हर तरफ बहुत ही सुंदर वातावरण का आगमन हो चुका होता है . इस प्रकार नव संवत अपने साथ नए कोपल, नए पत्ते,सुंदर फूल, नए नए फल लेकर आता है. धरा भी नया श्रंगार करके नव जीवन का संचार करती हुई हरे भरे पेडो और फलो का स्वागत करती है और सभी के मन को प्रसन्नता से भर देती है.
अत : अपने नव संवत जिसका स्वागत प्रकृति भी बड़ी आतुरता से सम्मान के साथ करती है , हम सबको भी अपने उस हिंदी नव वर्ष का स्वागत ह्रदय से करना चाहिए क्यों की ये तो सबको अपने आप ही खुशियों से भरे रहने की सीख देता है.
हमारे यहाँ आज भी कोई भी शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान हिंदी विक्रम संवत के अनुसार ही तिथि और काल की गणना करके ही किया जाता है. इस प्रकार इस विक्रम संवत का हमारे यहाँ विशेष महत्व है.
सभी पाठकों को नव विक्रम संवत की हार्दिक शुभकामनाए.
सखी शुभकामनाओ के साथ
Nav Varsh Samvat or Hindi New Year – Nav Varsh Samvat is celebrate as North India New Year . In 2010 Nav Varsh Samvat is on 16th March
1 comment:
हिंदी नव वर्ष पर आपने बहुत अच्छा लिखा है जिस
संस्कृति को हम भूलते जा रहे है और पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण बड़े लगन से कर रहे है उस को आपने सही कहा है
इस लेख मे आपने मार्च और अप्रैल के मौसम का बहुत अच्छा वर्णन किया है
आपको भी मेरी ओर से
नव विक्रम संवत की हार्दिक शुभकामनाए.
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