आज कल बच्चो की परीक्षाओं के कारण बच्चो के साथ साथ ही उनके माता पिता पर भी एक दबाब बना हुआ है..परीक्षाओं मे अच्छा प्रदर्शन करने का दबाब .मगर कोई भी कार्य प्रेशर मे अच्छी प्रकार से नहीं किया जा सकता है. अत: परीक्षाओं का प्रेशर कम करने के लिए माता पिता को बच्चों पर अत्यधिक पढ़ाई का प्रेशर नहीं बनाना चाहिए, माता पिता बच्चे का सहयोग करे अच्छी तरह परीक्षा की तेयारी करने में. उसे शुरू से ही ये समझाये की वो अपनी क्षमता के अनुसार ही पढाई का प्लान बनाये और परीक्षाओं की तेयारी करे। माता पिता को बच्चे के आस पास का माहौल हल्का फुल्का तनाव रहित बनाये रखे . बच्चे के मन को अच्छे विचारों से सुसज्जित करें.
बच्चो को भी टाइम टेबल बनाकर पढना चाहिए, एक साथ पूरा न पढ़ थोडा थोडा पढ़े इससे दिमाग पर अतरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा .जब तक पढ़ाई में मन लगे तब तक पढ़े ,जब बोर होने लगे तब किताबे छोड़कर अपनी पसंद का कोई भी कार्य करे, ताकि आप फिर से तारो ताजा हो जाये एकाग्रचित होकर पढ़ने के लिए.
बच्चों को चाहिए की पढ़ाई और परीक्षा के प्रति सकारात्मक सोच अपनाये. पढ़ाई को बोझा नहीं समझे बल्कि एन्जॉय करे.
अगर बच्चे बिना रटे समझकर पढ़ाई करे, तो वह परीक्षा में बिना भूले उत्तर लिख सकेगा.और अगर छात्र परीक्षा के पहले से ही लिख कर सवालों को वक्त के अनुसार हल करे, तो उसको परीक्षा में बिना डरे प्रश्न पत्र हल करने मे आसानी होगी.
माँ भी बच्चे का खास ख्याल रखे परीक्षा में ,वो बच्चे को तला-भुना खाना खाना न खिलाये बल्कि हल्का फुल्का पोष्टिक कहना खिलाये ताकि बच्चा खुद को हल्का और तारो ताज़ा महसूस करे।उसकी तबियत भी न खराब हो.
जब बच्चा सोने जाते तब दिन भर जो भी याद किया हो उसे मन मे दुहराए, इससे उसकी तेयारी अच्छी हो जायेगी और वो याद किया हुआ कुछ भी भूलेगा नहीं।नींद निश्चिंत होकर पूरी ले ताकि सुबह उठने पर खुद को तारो ताज़ा पाए.
इसी प्रकार थोड़े से सहयोग और प्रयास से बच्चा जिंदगी का हर छोटा बड़ा एक्जाम आसानी से पार करता जायेगा, बस उसे जरुरत है माता पिता के थोड़े से प्यार व साथ की.उसमे पढ़ाई को लेकर पैदा की गयी सकारात्मक सोच उए सही राह दिखाएगी वह बिना किसी दबाव में अपने समस्त एक्जाम अच्छी तरह देगा.
परीक्षा डरने का नहीं खुद का सही सही आंकलन करने का माध्यम है और कई परीक्षाये पास करके ही जिंदगी का सफर अच्छी तरह कटेगा.
14 comments:
बढ़िया संदेश!!
nice...
सखी जी,
अपने पढ़ाई और परीक्षा के प्रति सकारात्मक सोच को बहुत अच्छे विचारों से सुसज्जित किया है और ये बहुत सही कही है " की परीक्षा डरने का नहीं खुद का सही सही आंकलन करने का माध्यम है और कई परीक्षाये पास करके ही जिंदगी का सफर अच्छी तरह कटेगा."
मेरी और से आपको ढ़ेर सारी मुबारकबाद
udan tastari ji
apka pen name acha hai
shurkiya
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apurva dear
kaise ho
thnx aye yaha tak
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manoj ji
shurkiya apne smajha aur saraha
Bahut achche sakhi ji
आपके बिचार अत्यंत प्रभाशाली हैं
good! sakhi, nice thoughts.
apne baare mein kahun to main exam se pehle waale din khoob kheltatha, ye soch kar ki kal to mushibat ka saamna karna hi hai, kyun na aaj jam ke masti le li jaaye...aur result ye hota tha ki padhaai ka saara stress door ho jaata tha..aur pore saal jo menat ki thi wo same day ki 1-2 hour ki padaai mein remind ho jaata tha aur exams acche jaate thei...
lekin ab to har roz exam hai, ghar se rozi-roti ke liye nikalna padta hai aur roz ki mehnat ke baad asha lagaani adti hai ki result mein kucch aur sudaahr ho jaaye aaj.
ab to wo ek din pehle ki mauj masti bhi nahi rahi aur na hi exam ke baad ki wo naani ke ghar waali chuttiyan..
aisa nahi hai ki isme aanand nahi hai, ye bhi safalta ka ek hissa hai. aam aadmi ko aamaran in Hisso ko ikattha kar ke apni safalta ko poora karna hota hai.
And, "Achievement is Real Pleasure."
http://www.tadap-tadap.blogspot.com/
atul ji..akhil ji aur sameer ji
aap sabhi ka hardik shukriyaa
Bahut achchhe tarike se aapne exam stress door karne ke upay batye hain, Badhai
एक छात्र की मनस्थ्ती को सही उकेरा और मार्गदर्शन अति सराहनीय ....
sujit ji aur indian ji
thnx
Bahut khub ehsaas hai aapke, Har Kalaam me Zazbaat Seep Maanind Utar deti hai. aur gulaan Ki Tarah Mehka deti hain aap...
Ma Ki Chavi ko khub ropp diya aapne.Rk
shukriya rk ji apne saraha acha laga..magar apne dusri jagah apna commnt de diya...khiar apka vichar jana acha laga
बहुत ही अच्छा लिखा है।
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