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Thursday, September 10, 2015

विश्व हिंदी सम्मलेन १० सितम्बर १५ से १२ सितम्बर १५


आज ही भारत में विश्व हिंदी सम्मलेन का उद्घाटन भोपाल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया| ३ दिन चलने वाले  इस सम्मलेन में बहुत से लोग अधिकारिक रूप में शामिल हो रहे है , बहुत से लोग पंजीकरण करा के इसमें भाग ले रहे हैं , देश विदेश से काफी संख्या में लोग इसमें सम्मिलित हो रहे है , और एक वर्ग ऐसा है जो इस सम्मलेन में शामिल नहीं हो पाने के कारन अन्दर ही अन्दर घुटन , पीड़ा महसूस कर रहा है | ये वो वर्ग है जो हिंदी लेखन द्वारा हिंदी के प्रचार प्रसार में सहयोग में लगा हुआ है और आज इसका दर्द येही है की जब हिंदी की बात बड़े रूप में हो रही है तब इस वर्ग को अलग थलग रखा गया है , ऐसा क्यों?
हिंदी के प्रचार प्रसार में आज इंटरनेट एक बड़ा माध्यम बना है जिसकी सहायता से हिंदी भाषा के ल्लिये कम कर रहे है लोग एक दुसरे से जुड़े , और हिंदी में लेखन करने वाले लोग एक दुसरे से जुड़े | लेकिन इन सभी को दरकिनार कर इनके योगदान को नकारा गया है या व्यर्थ मान लिया गया है, ये प्रश्न आज हिंदी में ब्लॉग , या अन्य लेखन कार्य कर रहे लोगो में एक घुटन या पीड़ा पैदा हुई है , जो किसी भी प्रकार से सही नहीं है| इस और इस सम्मलेन को करा रहे लोगो का ध्यान अवश्य जाना चाहिए जिससे अधिकाधिक  लोग हिंदी को सम्मान  की दृष्टि से देखे|


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