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Sunday, January 22, 2012

दिल ढूंढता है

आज रविवार २२/१/२०१२ है समय १.२० दिन के .
आज  लगा कि जैसे कुछ सुकून के पल शायद आज मिल ही जांयेंगे . वरना कहा होता है अक्सर ऐसा जब दो पाल मिलते हो ऐसे जिनमें बस रहत कि सांसे हो.
आज कल जिंदगी में इतनी दौड हो गयी है हर पाल कोई काम इस दिमाग में दौड़ता है . कभी ये रह गया पूरा नहीं हुआ कभी अरे ये काम अभी करना शुरू करना है .
और सबकी शिकायते तुम कभी खाली नहीं रहती हमेशा कोई काम लिए उसी में उलझी रहती हो .
पर में भी क्या करूँ ? जब कोई काम नहीं होता था तब सोचती थी क्या करूँ और अब सोचती हू कैसे कुछ पल सुकून भरे दिन में चुनु .
सच है समय कभी एक सा नहीं रहता कभी हम इसके आगे कभी ये हमारे आगे .
पर अच्छा है व्यस्त रहने में भी के अलग ही मज़ा है .
कल का दिन भी  ही कुछ  अलग सी यादें देकर गया था..कई दिनों  कि लगातार चल रही  वेचैनी को कल रहत कि सांस जो मिली थी. शायद उसी कल का नतीजा ये निकला कि आज का सूरत सुकून भरी धुप खिलाता नज़र आ रहा था .मन खुश है ..क्यों अब कुछ बातें खुद भी सही सही नहीं कही जा सकती है कई बार है न???
खैर सबसे अच्छी बात बताऊ क्या है ??? मन में इस वक्त कोई हलचल नहीं है..बस ये है कि जो करना है आराम से करना है आज के दिन....क्योकि दिल ने ढूँढ  ही लिए है आज कुछ सुकून भरे फुर्सत के पल.

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