बिछडना प्रेम को पूर्ण करता है ,कहीं न कहीं ये बात एक दम सही है . क्यों कि जब प्रेम आसानी से मिल जाता है तब थोड़े दिन में प्रेम नहीं रहता है... बस एक रिश्ता भर रह जाता है जिसे दो लोग शायद जिंदगी भर ढोते है या कई बार अलग अलग रास्ते कर लेते है .
किन्तु बिछड़ने का दर्द...आह वो ही जाने जिसका कोई अपना बिछड़ गया हों बीच रास्ते में , वो कोई भी हों सकता है भाई , बहन, माँ या बाप . तभी उसे वो अहसास होता है जो प्रेम को उसकी उच्चतम ऊँचाई पर ले जाके छोड़ता है. तब एक अहसास अंदर जन्म लेता है और वो इस बात को महसूस करने को हमें मजबूर कर देता है कि जाने वाला हमारे जीवन में कितना महत्व रखता था. खैर जो भी हों मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वो किसी को किसी से जुदा न करे.
१२.ऍम १५/३/१३
2 comments:
prem param satya hai :)
hmmm..sahi kaha..
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