अक्सर जब मन उलझनों में जकड़ने लगता है ...तब शब्द संबल बन
जाते है और आकर कहते है ..सब कुछ कर सकते है जब हम साथ हों
..शब्दों का कमाल देखो फिर से सारी उलझाने जैसे दूर भागने लगती है
..और नयी स्फूर्ति के साथ कदम आगे बढ़ने लगते है ..शुक्रिया इन
शब्दों का जो एक पल में सारी मुश्किलों से दूर मुझे ले जाते है .
2 comments:
सखी जी ,
"शब्द" सोचो तो कुछ भी नही और सोचो तो बहुत कुछ है | बहुत ताकत होती है इसमे बस ये मानने और महसूस करने की बात है जिसे आप ही समझ सकती हो |
shukriya
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