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Sunday, October 24, 2010

“फाग करे अनुराग “

फाग करे अनुरागये बात तो आप सभी ने सुनी ही होगी ...
आज कल फाग का मौसम है और अनुराग मतलब प्यार ये प्यार का भी मौसम है .
तो फाग अर्थात फाल्गुन और अनुराग मतलब प्यार एक दूसरे के पूरक है .
प्यार और फाल्गुन का हमारे हिन्दुस्थान मैं प्राचीन कल से ही सम्बन्ध रहा है.

कृष्ण और राधा ..बरसाने कि होली को अमर कर गए अपने प्यार भरे होली खेलने के अंदाज़ से.कृष्ण और राधा इस फाग के महीने में रंगों में डूब कर अपने प्रेम मैं सरोबार हो कर हर तरफ प्रेम कि बारिश करते थे ..वही बारिश इस फाल्गुन में आज भी होती है.

ये महीना हर तरफ बहुत प्यार भरा और रंग बिरंगा होता है .चाहे होली के रंग हो या प्यार के रंग हो या फिर प्रकृति द्वारा बिखेरे गए मन मोहने वाले फूलो के द्वारा बिखेरे गये रंग हो . बस इस रंगीन प्यार भरे माहौल में कौन सा इंसान नाच नहीं उठेगा .

द्वापर युग में कृष्ण और राधा ने जो फाल्गुन में प्यार का रंग भरा अब भी सबके ऊपर चढा है और हम सब को ये महीना अवश्य कृष्ण और राधा के सच्चे प्यार का महत्व बताता है.

होली के मौसम में हर दिशा में फूलो के रंग बिखर जाने से प्रकृति कि सुंदरता देखते ही बनती है. इसी भाव को लेकर कुछ कहना चाहूंगी .............


निखरी प्रकृति का देखो हुआ धरा पर राज
मन ये मेरा बावरा फिर हुआ महक से आज


खिली खिली सी रंगत के संग महकी क्यारी क्यारी
स्वपन लोक सी छटा यहाँ बिखरी देखी न्यारी


रंग बिरंगे फूल खिले है छाई है हरियाली
मुंह से लगा रहे एक रस से भरी प्याली

आनन्दित तन चहका सा मन झूम रहा है ऐसे
मीठा एक हवा का झोंका चूम रहा है जैसे


इतना प्यारा दृश्य जो सारा आँखों में बस जाए
मध्यम -2 मन से खुशबू महकी -2 आये


सपना एक सुहाना अपने मन में आज बसाऊ
रंग बिरंगे पंख लगा कर फूलो को छू आऊ


आप सभी पाठकों को मेरी तरफ से होली कि हार्दिक शुभकामनाये

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